दतिया (मध्य प्रदेश) : शहर के शासकीय औद्योगिक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में प्रवेश पाने के लिए कई बच्चों ने फीस जमा करा दी, लेकिन अब कॉलेज प्रबंधन उन्हें प्रवेश नहीं दे रहा है, बल्कि फीस की राशि लेकर उन्हें जो रसीद दी गई हैं। वे भी अब नकली बताई जा रही हैं।
ऐसे में परेशान छात्र इस मामले की कलेक्टर, एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई न होने की वजह से उनकी समस्या हल नहीं हो पा रही।
एक ओर सरकार कौशल विकास पर जोर दे रही है। वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय पर संचालित औद्योगिक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में बच्चों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। जुलाई और अगस्त महीने में आईटीआई में प्रवेश पाने के लिए बच्चों की काउंसिलिंग हुई थी। इस काउंसिलिंग में आईटीआई दतिया के लिए चयनित सत्यपाल भोज निवासी परासरी, अजय कुशवाह निवासी लाला का ताल दतिया और दिनेश कुशवाहा बड़ौनी से कॉलेज प्रबंधन ने प्रवेश शुल्क आदि जमा करा लिया, लेकिन अब उन्हें एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से वे परेशान हो रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन अब उन्हें शुल्क जमा करने पर मिली रसीद को भी नकली बता रहे हैं। वे इस संबंध में कलेक्टर मदन कुमार, एसडीएम वीरेंद्र कटारे सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं।
बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। ऐसे में आईटीआई करने के इच्छुक छात्र स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं जब इस संबंध में कॉलेज प्राचार्य जेएस नरवरिया के मोबाइल नंबर 8305244436 पर संपर्क किया गया तो उन्होंने सवाल सुनते ही मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया।
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