एमपीयूएटी को मिली नए साल की सौगात, आर्गेनिक फार्मिंग का खुलेगा राष्ट्रीय स्तर का देश का पहला सेंटर

उदयपुर (राजस्थान) : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को नए साल में राष्ट्रीय स्तर की सौगात मिलेगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से यहां देश का पहला ऐसा सेंटर बनाया जाएगा जहां देशभर के कृषि वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। सेंटर में जैविक खेती पर नए आविष्कारों और नवाचारों को लेकर शोध किए जाएंगे। इसे लेकर दिल्ली परिषद में 3 जनवरी को बैठक होगी। एमपीयूएटी के अनुसंधान निदेशक ने जैविक खेती के क्षेत्र में किए गए कार्यों का प्रजेंटेशन तैयार करवा लिया है। इसका प्रस्तुतिकरण दिल्ली बैठक में किया जाएगा।

2017 : सुधार के पांच कदम उठाए

साइबर वर्ल्ड को देखते हुए साइबर सुरक्षा को लेकर तीन नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। पिछले माह राज्यपाल ने प्रदेश में इसकी शुरुआत सुविवि से करने के आदेश दिए थे।

जन जाति क्षेत्र के उत्थान के लिए ‘सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्तिकरण’ प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसके लिए भी कमेटी बना दी गई है।

बाजार के मुताबिक छात्रों को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री-यूनिवर्सिटी इंटरफेस : बाजार के मुताबिक छात्रों को तैयार और अपडेट करने के लिए इंडस्ट्री से निरंतर संपर्क में रहकर और सुझाव लेकर कोर्स अपडेट करेंगे। इससे रोजगार पाने में छात्रों को फायदा होगा।

स्किल डेवलपमेंट और प्लेसमेंट स्कूल बनेगा, शिक्षाविद्-बुद्धिजीवियों तैयार करेंगे विजन : विजन तैयार करने के लिए एक कमेटी बनेगी। जिसमें विश्वविद्यालय के लोगों के साथ शहर के शिक्षाविद् और प्रबुद्धजनों भी शामिल होंगे। स्किल डेवलपमेंट और प्लेसमेंट के लिए फिनिशिंग स्कूल भी स्थापित किया जाएगा।

विवादों को निपटाने के लिए लीगल रिड्रेशल सेल : प्रो. शर्मा ने बताया कि आए दिन कॉलेजों में विवाद और कई कानूनी मामले होते हैं। कोर्ट केस में विवि का समय, पैसा और संसाधन जाया होता है। इस सेल को मजबूत कर अपने स्तर पर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

प्रदेश में एकमात्र विवि जहां जैविक के 20 उत्पाद

प्रदेश का एक मात्र एमपीयूएटी विश्वविद्यालय है जहां पर जैविक खेती को लेकर 20 से अधिक उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है। आईसीएआर नेटवर्किंग प्रोजेक्ट, पैकेज प्रेक्टिस, बायो फर्टिलाइजर लेब आदि में जैविक खेती को लेकर काम किए जा रहे हैं। अनुसंधान परिषद ने सेंटर को खोलने का प्रपोजल बनाया है। बैठक में अगर इसको लेकर अनुमोदन मिल जाता है तो विवि के लिए बड़ी उपलब्धी होगी।

यहां के नवाचार विभिन्न क्षेत्रों में लागू होंगे: देशभर से आने वाले कृषि वैज्ञानिकों को एमपीयूएटी के वैज्ञानिक प्रशिक्षण देंगे। जैविक खेती को लेकर यहां जो भी नवाचार हुए हैं उनको अपने क्षेत्र में लागू किया जाएगा। प्रशिक्षण केंद्र राजस्थान कृषि महाविद्यालय में होगा। प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने का उद्देश्य देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

आर्गेनिक फार्मिंग का बहुत बड़ा क्षेत्र है। विश्वविद्यालय से वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वॉश, गौ मूत्र आदि के प्रोडक्ट बना चुके हैं और सेवाएं दे रहे हैं। इस सेंटर से देश के वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

-उमाशंकर शर्मा, कुलपति, एमपीयूएटी

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