9वीं से ही छात्र-छात्राओं के कौशल विकास के लिए व्यावसायिक कोर्स, दो काेर्स संस्कृत के विकल्प के रूप में किए लागू

बिलासपुर : जिले के 20 सरकारी स्कूलों में आईटी के साथ ही हैल्थ केयर एक्सपर्ट तराशे जा रहे हैं। संस्कृत के विकल्प के रूप में इन स्कूलों में बच्चों को हैल्थ केयर की पढ़ाई कराई जा रही है। हैल्थ केयर की पढ़ाई करने से आगे चलकर छात्राओं को बीएससी नर्सिंग में फायदा मिलेगा।

स्कूल शिक्षा विभाग कक्षा 9वीं से ही छात्र-छात्राओं के कौशल विकास के लिए कई व्यावसायिक कोर्स चला रहा है। इनमें ऑटोमोबाइल, आईटी, रिटेल, हैल्थ केयर शामिल हैं। बीते शैक्षणिक सत्र में जिले के 10 हायर सेकेंडरी स्कूलों में आईटी व हैल्थ केयर कोर्स की शुरुआत की गई थी। इस साल 10 और स्कूलों में ये कोर्स शुरू किए गए हैं। दोनों काेर्स संस्कृत के विकल्प के रूप में लागू किए गए। दोनों में से किसी एक कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को नामिनल फीस ही देनी पड़ी है। आईटी कोर्स को तो छात्र-छात्राएं दोनाें कर सकते हैं, लेकिन हैल्थ केयर की पढ़ाई सिर्फ छात्राएं ही कर सकती हैं। हैल्थ केयर उन छात्राओं के लिए फायदेमंद है, जो आगे चलकर बीएससी नर्सिंग करना चाहती हैं। इस संबंध में आरएमएसए के सहायक जिला परियोजना समन्वयक मनोज राय का कहना है कि पिछले शैक्षणिक सत्र में स्टूडेंट्स ने व्यावसायिक कोर्स में अच्छा प्रदर्शन किया है। रतनपुर स्कूल के एक छात्र ने तो 10वीं की टॉप टेन में जगह बनाई थी।

जिले के इन स्कूलों में लागू है यह पाठ्यक्रम

मल्टीपरपज स्कूल गांधी चौक, एमएलबी बिलासपुर, हायर सेकेंडरी स्कूल सरकंडा, सूरजमल बिल्हा, चकरभाठा, सिरगिट्‌टी, डीकेपी कोटा, बालक स्कूल रतनपुर, कन्या शाला रतनपुर, बालक स्कूल मस्तूरी, जयरामनगर, गनियारी, सकरी, सकर्रा, तखतपुर, घुटकु, पेंड्रा, पेंड्रा (टू), मिश्रीदेवी कन्या शाला गौरेला, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मरवाही।

कोचिंग के खर्च से पालकों को मिली राहत

बीएससी नर्सिंग में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्राओं को अब तक कोचिंग का सहारा लेना पड़ता था। इससे पालकों की जेब पर पढ़ाई के अलावा कोचिंग का अतिरिक्त बोझ आ जाता था। गरीब व मध्यम वर्ग के पालक यह खर्च उठाने में सक्षम नहीं होते थे। इसके कारण वे चाहकर भी अपनी बच्चियों को कोचिंग नहीं करा पाते थे। हैल्थ केयर विषय में बीएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम की ही पढ़ाई कराई जाती है। इससे कोचिंग के खर्च से मुक्ति मिल गई है।

ये है कोर्स: यूनिट 1: स्वास्थ्य देखभाल प्रदायगी प्रणाली यूनिट 2: रोगी देखभाल सहायक की भूमिका यूनिट 3: व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता मानक यूनिट 4: आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया यूनिट 5: टीकाकरण यूनिट 6: कार्य स्थल में संचार

जिले के सभी 20 हायर सेकेंडरी स्कूलों में हैल्थ केयर के लिए 30-30 सीटें निर्धारित हैं। सभी स्कूलों में इतनी छात्राओं ने संस्कृत के विकल्प के रूप में हैल्थ केयर का चयन कर लिया है। इनके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों हैल्थ केयर की किताबें आरएमएसए कार्यालय को भेजी है।

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