कौशल विकास भत्ते के लिए जरूरी नहीं बेरोजगारी शपथपत्र

ऊना (हिमाचल प्रदेश) : सरकार की महत्वाकांक्षी कौशल विकास भत्ता योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अब बेरोजगार होने का शपथपत्र नहीं देना होगा। इसकी जगह अब केवल सादे कागज पर बेरोजगार होने की स्वघोषणा ही काफी होगी। यह जानकारी श्रम एवं रोजगार विभाग के सौजन्य व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ऊना के कलाकारों ने दी।  वीरवार को स्वामी विवेकानंद वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ोह व शांति इंटरनेशनल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नकड़ोह में फोक मीडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि प्रदेश सरकार आइटीआइ, पॉलीटेक्निकसहित बीएससी नर्सिग एवं स्कूलों में एनएसक्यूएफ से पंजीकृत वोकेशनल पाठ्यक्रमों सहित सरकार द्वारा अनुमोदित कंप्यूटर प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण हासिल करने वाले विद्यार्थियों को कौशल विकास भत्ता प्रदान कर रही है।

कलाकारों ने विद्यार्थियों का मनोरंजन किया और जानकारी दी कि कौशल विकास भत्ता योजना के तहत विभिन्न व्यवसायों व कौशलों में प्रशिक्षण हासिल करने के लिए सरकार एक हजार रुपये भत्ता प्रदान कर रही है। इसके अतिरिक्त 50 प्रतिशत से अधिक स्थाई अक्षमता वालों को 1500 रुपये प्रतिमाह अधिकतम दो वर्ष के लिए कौशल विकास भत्ता प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षणार्थी की आयु 16 से 35 वर्ष के मध्य होनी चाहिए, जबकि वह हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होने के साथ कम से कम आठवीं पास होना चाहिए। मिस्त्री, प्लंबर, लोहार व बढ़ई इत्यादि का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए किसी प्रकार की शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नहीं है। कौशल विकास भत्ता योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति अपने निकटतम रोजगार कार्यालय के अतिरिक्त श्रम एवं रोजगार विभाग की वेबसाइट का भी अवलोकन कर विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं।

फोक मीडिया कार्यक्रम  में विभाग के कलाकारों सिकंदर, तेजेंद्र ¨सह, ब्रह्मदास, रामकिशन भट्टी, अनिल कतनौरिया व पूनम ने विद्यार्थियों का गीत-संगीत के माध्यम से जानकारी दी व मनोरंजन किया।

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