नई दिल्ली : सीबीएसई ने स्कूलों को अपने आसपास मौजूद इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईटीआई) से जुड़ने का निर्देश दिया है। यह पहल सीबीएसई ने छात्रों को वोकेशनल प्रोग्राम के तहत प्रैक्टिकल स्किल सीखाने के लिए की है। इसका उद्देश्य छात्रों को इंडस्ट्रियल एक्सपोजर देना है ताकि उनके एप्टीट्यूड और स्किल को बढ़ावा मिल सके।
ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (जीओएस) ने दिया सुझाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में एक ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (जीओएस) का गठन किया था। इस जीओएस ने हाल ही में इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में बोर्ड को सुझाव दिया गया है कि स्कूलों के निकटतम आईटीआई से जुड़ने से छात्रों को काफी फायदा होगा। यह पहल केंद्र सरकार के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इंडस्ट्री के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने के तहत की गई है। जीओएस की रिपोर्ट में स्कूलों को सुझाव देते हुए कहा गया है कि जो स्कूल अपने विद्यार्थियों को वोकेशनल कोर्स करवा रहे हैं वे अपने निकटतम वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर या आईटीआई की सहायता लेकर अपने छात्रों को ट्रेनिंग करा सकते हैं। इससे छात्रों के स्किल एप्टीट्यूट में बढ़ोतरी होगी। इस रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के बारे में सीबीएसई के अतिरिक्त निदेशक बिश्वजीत साहा ने सभी एफिलिएटेड स्कूलों को पत्र भेजा है।
आईटीआई की लिस्ट भेजी
सीबीएसई ने अपने द्वारा एफिलिएटेड स्कूलों को 25 मॉडल आईटीआई की एक सूची भेजी है। इसके अलावा देशभर में मान्यता प्राप्त 409 आईटीआई संस्थानों की भी सूची भेजी गई है। सीबीएसई ने स्कूलों को जारी पत्र में इनमें से किसी भी आईटीआई से जुड़ने के लिए बातचीत करने का निर्देश दिया है। सीबीएसई के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्कूलों को अपने सुविधानुसार निकटतम आईटीआई से हाथ मिलाने और उनकी विशेषज्ञता का फायदा उठाने को कहा गया है।
वोकेशनल कोर्स को बढ़ावा
ये पहल ऐसे समय में की गई है जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय देशभर के कई स्कूलों में ऑफर किए जाने वाले वोकेशनल कोर्स को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। ये वोकेशनल कोर्स कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में कराए जा रहे हैं। अब सीबीएसई के स्कूलों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। मौजूदा नियमों के अनुसार किसी खास सेक्टर में नौकरी की संभावनाओं के तहत वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले नौवीं के छात्रों को चार साल (कक्षा बारहवीं) तक इसकी पढ़ाई करनी पड़ती है। स्कूली छात्रों को विभिन्न अवसर उपलब्ध कराने के लिए करीब 100 तरीके के जॉब का चयन किया गया है। इनमें सीसीटीवी इंस्टॉलेशन एंड सर्विस टेक्निशियन, हैंडसेट रिपेयर इंजीनियर, पलंबर, ग्रीन हाउस ऑपरेटर, नर्सरी वर्कर समेत कई अन्य जॉब शामिल हैं।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.