हल्द्वानी : देश की सेवा करने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले सैनिक अपने ही सिस्टम में उलझकर रह गए हैं। कौशल विकास के नाम पर पूर्व सैनिकों को सपने दिखाने के लिए योजनाएं बनाई तो जा रही हैं, लेकिन इनका संचालन नहीं हो रहा। आइटीआइ (ITI) में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है। आवेदकों को अब भी सैनिक एवं पुनर्वास कल्याण विभाग से पत्र आने का इंतजार है।
राज्य सरकार पूर्व सैनिकों के हित के लिए कई योजनाएं संचालित करने का दावा करती है। कौशल विकास योजना (skill development scheme) के नाम से संचालित ऐसी ही एक योजना का आदेश सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक की ओर से 10 मार्च को जारी किया गया था। इस आदेश के अनुसार सेना में कई ऐसे सैनिक होते हैं, जो अपनी सेवा कई ट्रेड में करते हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद ये उस ट्रेड में दक्ष तो होते हैं, लेकिन उनके पास इसका प्रमाण पत्र नहीं होता। ऐसे पूर्व सैनिकों को राज्य भर की आइटीआइ में विभिन्न ट्रेडों में नि:शुल्क ट्रेनिंग दिलाई जानी थी। इसके साथ ही अन्य इच्छुक पूर्व सैनिक भी आइटीआइ के ट्रेडों में प्रशिक्षण ले सकते हैं। 26 मार्च तक इच्छुक पूर्व सैनिकों को जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग के माध्यम से आवेदन करना था। नैनीताल जिले से 11 पूर्व सैनिकों ने आवेदन किया। तीन माह बीतने के बाद अब तक इन पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए मुख्यालय से पत्र नहीं मिला है।
पुराने प्रशिक्षण कार्यक्रम तो आगे नहीं बढ़ रहे, लेकिन सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग ने अब एक नया प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।
इसके तहत कौशल विकास समिति की ओर से राज्य में उद्यमिता एवं रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों (skill training programme) का संचालन किया जा रहा है। ताकि दो से तीन माह तक प्रशिक्षण लेने के बाद पूर्व सैनिक रोजगार से जुड़ सकें। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी मेजर (सेवानिवृत्त) बीएस रौतेला ने बताया कि 10 ट्रेड में पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण देने की योजना है। ये ट्रेड डिजास्टर मैनेजमेंट, पर्यटन एवं अतिथ्य प्रशिक्षण, फिटर, वेल्डर, कंप्यूटर रिपेयरिंग, टेलीकॉम, कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर डिप्लोमा कार्स, ड्राइविंग कोर्स, वाहन मैकेनिक कोर्स, इलेक्ट्रीशियन कोर्स हैं। इनमें से किसी भी ट्रेड से प्रशिक्षण लेने के इच्छुक पूर्व सैनिक कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
15 जुलाई तक आवेदकों की सूची मुख्यालय को भेजी जानी है।
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