छत्तीसगढ़ में युवाओं के कौशल विकास के लिए सभी 530 शासकीय व अशासकीय काॅलेज में इसी सत्र से पाठ्यक्रम शुरू

प्रदेश के सभी 530 शासकीय व अशासकीय काॅलेज में कौशल विकास की पढ़ाई होगी। इसके लिए कौशल विकास के पाठ्यक्रमों में सत्र 2016-17 के लिए प्रवेश प्रारंभ हो गया है। विद्यार्थी अपने नियमित पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ रोजगार मूलक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर स्किल में दक्षता हासिल कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा डाॅ. सीवी रामन् यूनिवर्सिटी के पं. दीनदयाल कौशल केंद्र को रिसोर्स सेंटर बनाए जाने के बाद पढ़ाई प्रारंभ की जा रही है।

सीवीआरयू के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के युवाओं को कौशल में दक्ष करने के लिए कौशल विकास का पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के सभी 530 सरकारी व गैर सरकारी काॅलेजों में प्रवेश प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि भारत ने स्किल इंडिया और मेन इन इंडिया अभियान में ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करके युवाओं को दक्ष करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें युवाओं को रोजगार मिल सके। ये पाठ्यक्रम बाजार की जरूरत के अनुसार तैयार किए गए हैं, जो कि विद्यार्थी अपनी नियमित पढ़ाई के साथ पढ़ और सीख सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने सीवीआरयू को राज्य का रिसोर्स सेंटर घोषित किया है। प्रदेश के विद्यार्थी किसी भी काॅलेज में प्रवेश ले सकते हैं। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन और यूनिवर्सिटी द्वारा निर्देशों की सूचना सभी काॅलेजों को भेजी गई दी गई है।

ये विषय शुरू किए गए हैं: कौशल विकास पाठ्यक्रम में ये विषय शुरू किए गए हैं। इनमें बी. वोक इन टेली कम्युनिकेशन, बी. वोक इन रिटेल मेनेजमेंट, बी. वोक इन आईटी और बी. वोक इन मैन्युफैक्चरिंग की पढ़ाई होगी। साथ ही इन्हीं विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई होगी। जिसमें एम. वोक इन टेली कम्युनिकेशन, एम. वोक इन रिटेल मेनेजमेंट इन आईटी और एम. वोक इन मैन्युफैक्चरिंग विषय शामिल हैं। सरकार की युवाओं को रोजगार की ओर अग्रसर करने की बड़ी पहल है।

प्राचार्यों के संपर्क में रहें विद्यार्थी:दुबे

यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ. आरपी दुबे ने बताया कि यूजीसी ने सीवीआरयू को पं. दीनदयाल कौशल विकास केंद्र की स्थापना की अनुमति दी थी, इसके बाद सरकार ने इस केंद्र को प्रदेश सरकार को रिसोर्स सेंटर घोषित किया है। प्रदेश के 530 शासकीय व अशासकीय कॉलेजो में स्किल के पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं। जो आज युवाओं के लिए बेहद जरूरी है। विद्यार्थी पढ़ाई के साथ इस कोर्स से कौशल में दक्ष हो सकते हैं। डाॅ. दुबे ने बताया कि दक्ष युवा ही रोजगार के लिए सबसे पहले योग्य माने जाएंगें। विद्यार्थी काॅलेजों के प्राचार्यों के संपर्क में रहकर इस संबंध में जानकारी लें।

शुरू हो सकते हैं नए पाठ्यक्रम: शैलेष

यूनिवर्सिटी के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि उक्त संचालित कोर्स के अलावा भी नए कोर्स शुरू किए जा सकते है। जिन पर विचार किया जा रहा है। पाण्डेय का कहना है कि आज देश में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे बड़े विषय में काम किया जा रहा है। जिसमें देश के हर व्यक्ति को स्किल्ड लिए जाने की योजना है। हमनें युवाओं की जरूरत और समय की मांग के अनुरूप नए पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। ऐसे में प्रस्तावित नए कोर्स उनकी योग्यता को और बढ़ाएंगे और उन्हें रोजगार दिलाने में सहायक होंगे। जिसमें हम विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान से अपडेट कर पाएंगे।

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