भिलाई (छत्तीसगढ़) : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को अब सीधे उद्योगों से जोडऩे की कवायद शुरू हो गई है। इसी कड़ी में पुराने व अनवॉन्टेड और आउटडेटेड कोर्सेज को बंद किया जा रहा है। वहीं प्रदेश भर की आईटीआई में दर्जनभर से ज्यादा नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। यह निर्णय डीजीटी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के बाद लिया गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि उन कोर्सेेज को बंद कर दिया जाए, जिनमें युवाओं की रुचि लगातार घट रही है। साथ ही जिनमें एडमिशन पिछले कुछ सालों की स्थिति में नाम मात्र रहे हैं।
बंद किए जाने वाले कोर्स की लिस्ट में तीन दर्जन से ज्यादा कोर्सेज के नाम शामिल किए गए हैं। इसमें वें कोर्स भी शामिल है, जिनकी वर्तमान में जरूरत न के बराबर है। उसी तरह दर्जनभर कोर्सेज को युवाओं को अपडेटेड रखने के लिए बंद किया जाने का निर्णय लिया गया है। कुछ कोर्स इस तरह हैं कारपेंटर, वायरमैन, आरटीवी, रेडियो एंड टेलीविजन, शीट मेटल, मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, रेफ्रीजरेशन, पॉवर जनरेटर बैटरी एवं इनवटर, कांक्रीट टेक्नोलॉजी प्रोसेस प्लांट।
63 कोर्स में होगा संसोधन
प्रदेश में चल रही आईटीआई में संचालित कोर्स में से चुनिंदा 63 में संसोधन किया हुए है। इनमें शामिल कुछ चैप्टर के अलावा प्रेक्टिकल मौड्यूल में बदलाव किए गए है। अधिकारियों की मानें तो इन कोर्स को इस तरह से डिजाइन किए जाना है, जिससे युवा प्रेक्टिकल के ज्ञान को उद्योगों में नौकरी की दशा में पहले दिन से ही प्रभावी तरीके से कर सकें। इसके लिए नए कोर्स मटेरियल को इसी साल से जोड़ दिया जाएगा। वहीं कुछ ऐसे चैप्टर भी होंगे, जिनसे युवाओं में इम्पलॉयमेंट एटीट्यूड का विकास हो। उसी तरह कंरट में उद्योगों की मांग और टेक्नोलॉजी के अनुरूप भी सिलेबस में कई चैप्टर जोड़े गए हैं।
सामान को किया जाएगा शिफ्ट
गाइडलाइन के मुताबिक बंद किए जाने वाले ट्रेड से संबंधित इक्यूपमेंट्स और दूसरे सामानों को जाया न करते हुए इन्हें सही तरीके से यूज किया जाएगा। केंद्र और राज्य की ओर से चलाए जा रहे स्किल मिशन प्रोग्राम के कोर्स में इन इक्यूमेंट यूज हो सकेंगे। सीओई के तहत खरीदे गए इक्यूपमेंट्स सेंटर फॉर एक्सीलेंस के ट्रिपल बीटी ट्रेड के हैं, जिन्हें अब क्रॉस्टमैन ट्रेनिंग स्कीम में इस्तेमाल किया जाना तय किया गया है।
22 आईटीआई में बंद हुआ ये कोर्स
किसी एक ट्रेड में दक्ष करने के बजाय सभी में माहिर बनाने के लिए शुरू किया गया ट्रेड ‘मल्टी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम इसी साल से बंद कर दिया गया है। इसके पीछे वजह भी सटीक है। अधिकारियों का कहना है कि इस ट्रेड को करने के बाद युवाओं को उद्योगों में नौकरियों के लिए भटकना पड़ रहा था। क्योंकि उनके पास किसी एक विषय में स्पेशिलाइजेशन नहीं होता था। उद्योगों में भी इसकी डिमांड नहीं है, इसलिए इसे मई महीने में प्रदेश की सभी आईटीआई में एक साथ बंद कर दिया गया है।
इसलिए किया जा रहा बंद
बंद किए जा रहे अधिकतर कोर्स की फंडिंग ‘वल्र्ड बैंक के अनुदान से होती रही। साल 2006 में शुरू हुई इस स्कीम के रिजल्ट बेहतर नहीं रहे। प्रदेश की 22 आईटीआई में बीबीबीटी कोर्स चलाए जा रहे थे। इनमें से 18 की फंडिंग विश्व बैंक जबकि 4 आईटीआई के संचालित इस कोर्स के लिए राज्य शासन खर्च वहन करती थी। करोड़ों डूबने के बाद भी बेहतर नतीजे न मिलने की वजह से इन ट्रेड्स को बंद कर दिया जाना ही सही समझा गया।
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