भिलाई : जर्मन विश्वविद्यालयों के साथ हुए अनुबंध के तहत जल्द ही बायोइंफोमेटिक्स में रिसर्च का दायरा बढ़ाने रास्टॉक विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट प्रोफेसर छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू ) आएंगे।
कुलपति डॉ. एमके वर्मा ने बताया कि फार्मेसी के क्षेत्र में नए शोध व विदेशी विश्वविद्याल की कार्यविधि हमारे छात्र भी जान सकेंगे। यह एक तरह का स्टूडेंट-फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम होगा। नवंबर के आखिरी तक रास्टॉक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. पोलाक के आने की उम्मीद है। उनके साथ विवि के कुछ छात्र भी भ्रमण के लिए आ सकते हैं। इसी तरह विवि अपनी इंजीनियरिंग और फार्मेसी छात्रों को उनके विश्वविद्यालयों में कुछ नया सीखने के लिए भेजने की योजना बना रहा है।
हिरोशिमा वि.वि. से होगा अनुबंध: तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू जल्द ही जापान के हिरोशिमा में स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी के साथ अनुबंध करने की तैयारी में है। अनुबंध हो जाने के बाद दोनों ही विवि सिकलसेल सहित तमाम फार्मास्युटिकल व जेनेटिक इंजीनियरिंग के नए शोध की संभावनाएं तलाशेंगी। कुलपति डॉ. वर्मा के मुताबिक राज्य शासन को इस अनुबंध के बारे में जानकारी दे दी गई है, जल्द ही अनुमति मिल जाएगी। अनुबंध के लिए हिरोशिमा वि.वि. जाना होगा।
जून में शुरू होगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर: कुलपति ने कहा कि सीएसवीटीयू के पुराने भवन(सेक्टर-8) में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत करनी है। कोर्स का प्रारूप बनाया गया है। फाइल जल्द ही राजभवन भेज दी जाएगी। लक्ष्य है कि जून के आखिर तक यहां कुछ मुख्य विधाओं के साथ शॉर्टटर्म स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू हो जाए। यह सेंटर सभी के लिए होगा। यहां महिलाओं को हुनरमंद बनाने की ट्रेनिंग मिलेगी तो वहीं युवा कंप्यूटर से जुड़े काम सीख पाएंगे। उन्हें इसके लिए प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
सिकलसेल पर हुई चर्चा: वि.वि. परिसर में सोमवार को जेनेटिक इंजीनियरिंग फॉर हेल्थ मैनेजमेंट विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर प्रदेश सिकलसेल विभाग के प्रमुख डॉ. पीके पात्रा मौजूद रहे। उन्होंने इस बीमारी को रोकने के लिए लगातार शोध करने पर जोर दिया। सिकलसेल के कारण ब्लड सेल्स में बदलाव को दुरुस्त करने जेनेटिक इंजीनियरिंग को कामगार बताया।
आधुनिक लैब बनेगा रिसर्च के लिए: कुलपति डॉ. वर्मा ने कहा कि विवि में जल्द ही सिकलसेल पर रिसर्च के लिए आधुनिक लैब बनाई जाएगी, जिसमें फार्मेसी और इंजीनियरिंग के छात्र मिलकर शोध के जरिए इस बीमारी का तोड़ निकालेंगे। इस सेमिनार में केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते उनका आना स्थगित हो गया। विवि प्रशासन के मुताबिक उन्होंने सेमिनार के समापन में पहुंचने की बात कही। हालांकि अभी तक भी नहीं आए हैं।
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