भानुप्रतापपुर (छत्तीसगढ़) : बेरोजगारों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार उपलब्ध कराने सरकार की ओर से योजनाओं पर करोड़ों रुपए बहाया खर्च किए जा रहे हैं। वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ग्राम भानबेड़ा में मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र खोल दिया गया है, लेकिन यहां प्रशिक्षण के लिए ना बांस है और ना ही टूल्स। यहां प्रशिक्षण ले रहे 30 युवकों ने कहा कि उन्हें लग रहा है उनके साथ मजाक किया जा रहा है। वहीं वन विभाग इस पर गोलमोल जवाब दे रहा है।
ग्राम भानबेड़ा में वन विभाग के वन परिक्षेत्र कोरर में मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र 3 नवंबर को शुभारंभ किया गया था। केंद्र में 30 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने का पंजीयन भी कराया था। इन्हे बांस से विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाने का प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी। वहीं 84 दिनों के प्रशिक्षण में 69 दिन पूरे हो गए हैं। यहां प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षक तो है, लेकिन इसके लिए बांस व टूल्स अभी तक नहीं पहुंचा है। प्रशिक्षणार्थियों को भोजन भी दिया जाना था। वहीं अभी तक भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। प्रशिक्षण ले रहे भारत पोडोटी, रोहित कोमरा, प्रेमलाल कावड़े, सगउराम कावड़े ने बताया प्रशिक्षण के लिए बांस नहीं आया है और न ही औजार है। मानदेय देने को कहा गया था, पर वह भी नहीं दिया जा रहा है। इस प्रकार यह कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर बेरोजगारों के साथ मजाक किया जा रहा है।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.