कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में आयोजित की गई मीडिया कौशल विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला

कुरुक्षेत्र : डीन फैकल्टीऑफ कॉमर्स एवं मैनेजमेंट प्रो. मंजुला चौधरी ने कहा कि 21वीं सदी में देश के विकास के लिए युवाओं में कौशल का विकास करना जरुरी है। कौशल का विकास करके ही हम देश में आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ा सकते हैं। वे सोमवार को केयू के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में मीडिया कौशल विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन पर बोल रही थी। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं में कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। जिनका फायदा युवाओं शिक्षण संस्थानों को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को डिग्री के पीछे दौडऩे की बजाय कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए। जब युवाओं के पास हुनर होगा तो वे निश्चित रूप से सफल होंगे। संस्थान के निदेशक प्रो. एसएस बूरा ने कहा कि मीडिया उद्योग को कुशल मानव संसाधन की जरूरत है। मीडिया उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन जरुरी है। इस मौके पर उन्होंने संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संचार कौशल को बनाए रखने के लिए 50 प्रतिशत थ्योरी 50 प्रतिशत स्किल डिवेलपमेंट होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ दूसरी गतिविधियों में भी हिस्सा लेना चाहिए।

सात लाख कुशल मानव संसाधन की जरूरत : कार्यशाला के संयोजक डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि मीडिया कौशल विकास समय की जरूरत है। मीडिया उद्योग में इस समय चार लाख से अधिक कुशल कर्मचारी काम कर रहे हैं। 2017 तक सात लाख से अधिक कुशल मानव संसाधन की जरूरत है। ऐसे में मीडिया शिक्षण संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे मीडिया उद्योग की जरूरत के अनुसार मानव संसाधन तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि जापान में 70 प्रतिशत कुशल मानव संसाधन जर्मनी में 80 प्रतिशत कुशल मानव संसाधन है। देश के विकास के लिए देश की युवा शक्ति कौशल विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला में मीडिया के विद्यार्थियों को संचार कौशल, रिपोर्टिंग स्किल, डिजिटल संचार, रेडियो टेलीविजन उद्योग के लिए जरुरी कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जा जाएगा।

खुद को प्रस्तुत करने का कौशल जरुरी : कॉमर्स विभाग के प्रो. तेजेंद्र शर्मा ने विद्यार्थियों को प्रेजेंटेशन स्किल के बारे में बताते हुए कहा कि 21वीं सदी में सफलता के लिए खुद को प्रस्तुत करने का कौशल होना जरुरी है। उन्होंने अपने व्याख्यान में विद्यार्थियों को बताया कि वे किस तरीके से निरंतर गलतियों से कुछ कुछ नया सीख सकते हैं। उन्होंने भाषा और शारीरिक भाषा के बारे में बताया। सायंकालीन सत्र में अंग्रेजी विभाग के प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि संचार हमारे विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है। जीवन में सफलता के लिए संचार कुशल होना जरुरी है।

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