ग्वालियर : मजदूरों को अर्धकुशल व कुशल करने के लिए केन्द्र सरकार ग्वालियर, भोपाल सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में जल्द ही ट्रेनिंग सेंटर खोलेगी ताकि उन्हें तकनीकी जानकारी दी जा सके। यह पहल मजदूरों को तकनीकी विकास के साथ उन्हें अधिकारों की जानकारी देने के लिए की जा रही है। इस कार्य में राज्य सरकार भी मदद करेगा। ट्रेनिंग सेंटर के लिए राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड को केन्द्रीय श्रम मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है।
पांच करोड़ खर्च करेगा विभाग
श्रमिक शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने देश को पांच भागों पूर्वोत्तर, मध्य, उत्तर, दक्षिण व पूर्व में बांटा है। प्रदेश मध्य क्षेत्र में आता है। मंत्रालय ने तय किया है कि हर जोन में एक ट्रेनिंग सेंटर खोला जाए। इस सेंटर को शुरू करने के लिए केन्द्र सरकार करीब पांच करोड़ रुपए खर्च करेगा, यह दो एकड़ जमीन में बनेगा। अब तय होना शेष है कि इसे प्रदेश के किस शहर में बनाया जाए।
सीटों की संख्या होगी तय
ट्रेनिंग सेंटर में मजदूरों को कम्प्यूटर, लैपटॉप व मोबाइल समेत अन्य उपकरणों की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कौशल विकास के तहत दी जाएगी। ट्रेनर के रूप में श्रमिक शिक्षा बोर्ड व स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है। ट्रेनिंग सेंटर में कितनी सीटें होंगी इसके बारे में जल्द ही फैसला कर लिया जाएगा। इस सेंटर पर मजदूरों को उनके अधिकारों के साथ-साथ मिलने वाली मजदूरी, कटने वाली भविष्य निधि व अन्य अधिकारों के बारे में बताया जाएगा।
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